"गजल"

सम्झना के चिट्ठी फोटो जाराके रोइलु.....
बिना चिन्हल किहु हे मन पराके रोइलु.....
कत्ना सहजिल से कहिदेहल उ,
महि बिसरा जाउ कहिके,
ओहे समझ्के अकेलि कोन्तिम दवार लगाके रोइलु.....

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